नई दिल्ली | 4 अगस्त 2025: तेज़ रफ़्तार और भाग-दौड़ से भरी ज़िंदगी में अब लोग मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन की ओर लौटने लगे हैं। देश के महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक, "माइंडफुलनेस" (Mindfulness) अब एक नया ट्रेंड बनकर उभर रहा है। कामकाजी लोग, छात्र, और यहां तक कि वरिष्ठ नागरिक भी इस सरल परंतु प्रभावी अभ्यास को अपनी दैनिक जीवनशैली में शामिल कर रहे हैं।
क्या है माइंडफुलनेस?
माइंडफुलनेस का अर्थ है – वर्तमान क्षण में पूरी जागरूकता के साथ उपस्थित रहना, बिना किसी पूर्वाग्रह के। यह ध्यान, योग और साँस पर फोकस करने जैसे अभ्यासों का मिश्रण है, जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
बढ़ती लोकप्रियता के कारण:
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वर्क फ्रॉम होम संस्कृति और डिजिटल थकान से राहत
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अनिद्रा, एंग्ज़ायटी और अवसाद के मामलों में वृद्धि
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सोशल मीडिया डिटॉक्स के लिए कारगर विकल्प
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डॉक्टरों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा सुझाया गया
विशेषज्ञों की राय
डॉ. निधि वर्मा, मनोवैज्ञानिक (AIIMS दिल्ली):
"माइंडफुलनेस ना केवल मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि दिल की बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर और नींद की समस्याओं को भी कम करता है। यह 10 मिनट का दैनिक अभ्यास जीवन की गुणवत्ता बदल सकता है।"
ऐप्स और ऑनलाइन सेशंस की भूमिका
आज कई डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे Headspace, Calm, Sattva और InnerHour ने माइंडफुलनेस को आम लोगों की पहुंच में ला दिया है।
योग प्रशिक्षक अब Zoom, YouTube और Instagram Live के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेस संचालित कर रहे हैं।
घर पर शुरू करें माइंडफुलनेस
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हर सुबह 10 मिनट साँस पर ध्यान केंद्रित करें
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भोजन करते समय टीवी/मोबाइल से दूर रहें
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दिन में एक बार 'डिजिटल ब्रेक' लें
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प्रार्थना, मंत्र या संगीत के साथ मानसिक शांति पाएं
युवा भी जुड़ रहे हैं इस अभियान से
विश्वविद्यालयों और स्टार्टअप्स में "माइंडफुल मंडे" और "साइलेंस ऑवर" जैसे पहल शुरू हो चुके हैं, जहां कर्मचारी और विद्यार्थी शांति, ध्यान और आत्मचिंतन में समय बिताते हैं।
व्यस्त जीवन की उलझनों से बाहर निकलने और मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए माइंडफुलनेस एक सशक्त उपाय बन चुका है। यह केवल ध्यान करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक जागरूक, शांत और संतुलित जीवनशैली की ओर कदम है।
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